यह सूराह अगर दिन में पढ़े तो सारा दिन अम्न व सकून और रिज्क़ में इज़ाफे वाला होता है अगर रात में पढ़े तो सारी रात हज़ार फ़रिश्ते उसकी हिफाज़त करते है और अगर मर जाए तो जन्नत में दाख़िल होता है ! इस सुरा को अगर क़ब्रिस्तान में पढ़ा जाए तो मुर्दों के अज़ाब में कमी होती है और उन पर रहमत नाजिल होती है अगर कोई इस सुरे को सुने तो उसको बीस हज़ार हज का सवाब, हज़ार नूर और हज़ार बरक़त मिलती है !