गुसाई तुलसीदास का बारहमासा पाठक एवं श्रद्धालुओं के कानों में प्रवेश से ही रोमांच खड़ा करती है थोड़ी देर के लिए मायावी संसार से चित्त हट कर ज्ञान और बैराग्य का मार्ग प्रदान करती है जिससे कि पुस्तक अपने शब्द शैली के कारण निरंतर आगे बढ़ी चली जा रही है |