प्रस्तुत पुस्तक में महात्मा कबीर का ककहरा और फुटकर शब्द सुन्दर और अनूठी रगों में (जैसे राग गारी , राग अतंसार) छपे हैं और गूढ़ शब्दों में सरल अर्थ भी नीचे लिख दिए गए हैं |