यह ऋषियों की गुप्त विद्या है जो आज लाखों रुपए खर्च करने पर नहीं मिलती। ब्रह्मचर्य के दीवाने इस की रक्षा करने में रात दिन एक कर देते हैं भयंकर से भयंकर पर्वतों की गुफाओं और कंद्राओ को छान मारते हैं। तब जाकर इसका भेद मिलता है।
इसलिए इसको पढ़कर व्यर्थ ना समझ लेना इसका श्रद्धा पूर्वक अभ्यास करो इससे स्वप्नदोष आदि रोगों से अवश्य ही पिंड छूट जाएगा और वीर्य रक्षा में सफल हो जाओगे