मैं पढ़ता आया हूँ कि कवि कविता या तो दिल से लिखता है या अपने जीवन में भोगे गये यर्थात को सामने रखकर लिखता है।मैंने ये कविता आज से 20 से 25 वर्ष पूर्व अपने अनुभव से लिखा है, जिसे मैंने विभिन्न अवसरों पर अनुभव किया था। ये कवितायें और क्षणिकायें मेरे डायरी के पन्नों पर लिखी गई थी। मैंने न तो कभी इसे प्रकाषित करने की सोची और न ही कहीं प्रकाषन हेतु भेजा एक दिन मुझे आज की सबसे सशक्त माध्यम इंटरनेट से ज्ञात हुआ कि कवितायें भी ऑनलाइन प्रकाषित होती हैं । वर्षों पूर्व मन में दबी हुई भावना जाग उठी और मैंने अपनी अनुभव से लिखी अनुभव नामक यह कविता संग्रह आपके समक्ष प्रस्तुत करने की कोशिश की है। 20 से 25 वर्ष पूर्व लिखी कविता वर्तमान पाठकों को संतुष्ट करने में कितनी सफल हो पाई है, यह कार्य मैं पाठकों पर छोड़ता हूँ। आषा है पाठक अपनी राय प्रेषित करेंगे।