इस अंक की आमुख कथा में मोदी सरकार के 3 साल के कामकाज का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया गया है और अर्थव्यवस्था एवं बाजार की दृष्टि से भविष्य का आकलन किया गया है। जीएसटी की दरें अंततः घोषित कर दी गयी हैं। क्या ये दरें व्यापार जगत और उपभोक्ताओं को दे रही हैं राहत? शेयर बाजार में बनते नये रिकॉर्ड स्तरों के बीच रेलिगेयर सिक्योरिटीज के प्रेसिडेंट (इक्विटी) आशु मदान बता रहे हैं कि उनकी नजर में इस साल आगे बाजार की चाल कैसी रह सकती है। साथ ही राजीव रंजन झा का नियमित स्तंभ राग बाजारी - सेंसेक्स 32,000 के लक्ष्य की राह पर। इस अंक में म्यूचुअल फंडों के बारे में भी हैं कई उपयोगी लेख। एसडब्लूपी के जरिये म्यूचुअल फंडों से कितनी निकासी होती है सुरक्षित? वे पाँच मुख्य गलतियाँ कौन-सी हैं, जिनसे हर म्यूचुअल फंड निवेशक को बचना चाहिए? फँसे ऋणों या एनपीए के बारे में आरबीआई को मिली हैं कैसी नयी शक्तियाँ? ई-कॉमर्स से निर्यात का रास्ता कैसे खुलने की संभावना है? और भी बहुत कुछ...