बेताल के भी कई रूप होते हैं तथा इनकी सिद्धि की विधियां और मंत्र भी अलग अलग होते हैं |एक ही प्रकार के बेताल की भी अनेक विधियाँ और मंत्र होते हैं |बेताल की शक्ति कर्ण पिशाचिनी से अधिक होती है वैताल सिद्धि होने पर वह छाया की तरह अदृश्य रूप से साधक के साथ बना रहता है, और प्रतिपल प्रतिक्षण उसकी रक्षा करता है। प्रकृति, अस्त्र शस्त्र या मनुष्य उसका कुछ भी अहित नहीं कर सकते हैं ।