यदि नदी का जल अभिमंत्रित कर मुख प्रक्षालन कर साधक राजसभा में जाए तो वह सभी को वशीभूत कर लेता है। राजा या राजकर्मचारी को वशीभूत करने के निमित्त उक्त मंत्र बोलकर चार हजार धतूरे के पुष्प गणपति को अर्पित करने चाहिए। * कामिनी स्त्री के बाएं पैर की मिट्टी लाकर गणेश प्रतिमा के नीचे रखे। फिर उस स्त्री का स्मरण कर ............ मत्र का जाप करे तो वह स्त्री साधक के सम्मुख आती है।